Sunday, January 11, 2009

आइए हाथ उठाएं हम भी: अंत में लोग ही चुनेंगे रंग

आइए हाथ उठाएं हम भी: अंत में लोग ही चुनेंगे रंग
भाई श्री लाल्‍टू जी
नमस्‍कार
ब्‍लाग पर आपकी कविताएं बेहद पसंद आई.
उम्‍मीद है आप मुझे भूले नहीं होंगें काफी अर्सा पहले मैं आपसे चंडीगढ़ में मिला आज कल आप हैदराबाद में है. अपने बारे में विस्‍तारे से बताएं
मेरा पता है
हरियश राय जयपुर
hariyashrai@gmail.com
मुझे आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी

3 comments:

Vidyanand Jha said...

aapka phone number bhejen.

Vidyanand Jha
Kolkata

नामवर सिंह "द्वितीय" said...

अरे हरियश बाबू, क्या तुम अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा व्यस्त हो? वो तो रोज आता है, तुम तो दो-तीन एंट्री डालके फुस्सी बम की तरह ठंडे हो गए. भई ब्लॉग शुरू किया है, तो कुछ तो लिखो. कुछ नहीं तो अपना नया फोटू ही दे दो.

डॉ. शिवपूजन लाल said...

सर नमस्‍कार,

आपके ब्‍लॉग में कुछ नया नहीं दिख रहा.